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Sep 19 2023, 15:11

लोकसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम बिल पेश, 15 साल होगी महिला आरक्षण की अवधि

#womenreservationbillintroduceinloksabha

नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में सरकार ने पहला बिल किया।पहला बिल महिला आरक्षण से जुड़ा है। इसे 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' नाम दिया गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि महिला आरक्षण बिल का नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ होगा। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश।

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि महिला आरक्षण बिल की अवधि 15 साल होगी। हालांकि ये अवधि बढ़ाने के लिए संसद के पास अधिकार होगा। मेघवाल ने कहा कि इस अधिनियम के पास होने के बाद लोकसभा में महिला सीटों की संख्या 181 हो जाएंगी। लोकसभा में फिलहाल महिला सांसदों की संख्या 82 है।बड़ी बात यह है कि एससी-एसटी वर्ग के लिए कोटा के अंदर कोटा लागू होगा। इसका मतलब है कि 33 फीसदी आरक्षण के अंदर एससी-एसटी में शामिल जातियों को भी आरक्षण की व्यवस्था होगी। यानी लोकसभा में एससी के लिए रिजर्व सीटें 84 हैं, उसका 33 फीसदी होता है 28 सीट। यानी एससी में 28 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व होंगी। इसी तरह लोकसभा में एसटी के लिए 47 रिजर्व सीटें हैं, जिनका 33 फीसदी होता है 15 सीट। यानी 15 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।

विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा

केंद्रीय कानून मंत्री मेघवाल ने कहा कि महिलाओं को लोकसभा के अलावा अलग-अलग राज्यों की विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।विधानसभा की 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। दिल्ली विधानसभा की 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए होंगी। एससी की 84 रिजर्व सीटों में से 33 फीसदी महिलाओं के लिए होंगी और एसटी की 47 रिजर्व सीटों में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए होंगी।

27 साल से अटका है महिला आरक्षण विधेयक

बता दें कि करीब 27 साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक अटका पड़ा था। महिलाओं को सदन में 33 फीसदी आरक्षण देने से जुड़ा बिल आखिरी बार मई 2008 को संसद में पेश किया गया था। तब की यूपीए सरकार ने अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम में महिला बिल को शामिल किया था और इसी वादे को पूरा करते हुए राज्यसभा में 6 मई 2008 को बिल पेश किया गया। फिर 9 मई 2008 को इसे कानून और न्याय से संबंधित स्थायी समिति के पास भेज दिया गया।स्थायी समिति ने लंबी चर्चा के बाद 17 दिसंबर 2009 को अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की और इसे पास करने की सिफारिश की। 2 महीने बाद फरवरी 2010 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस सिफारिश को अपनी मंजूरी दे दी। हालांकि संसद में समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इसका जमकर विरोध किया। जिसके बाद यह बिल अटकता चला गया।

लोकसभा से नहीं हो सका था पास

आखिरकार बिल पेश होने के करीब 2 साल बाद संसद की ऊपरी सदन ने 9 मई 2010 को अपने यहां पास कर दिया। लेकिन राज्यसभा के बाद जब यह बिल लोकसभा पहुंचा तो कभी यह बिल यहां पास ही नहीं हो सका।दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस की ओर से इस बिल का समर्थन किया जाता रहा है लेकिन अन्य क्षेत्रीय दलों के भारी विरोध और पिछड़े वर्गों की महिलाओं के लिए भी आरक्षण की मांग समेत कुछ चीजों पर विरोध के चलते इस पर आम सहमति कभी नहीं बन सकी। साथ ही महिला आरक्षण बिल का विरोध करने वाले दलों की ओर से कहा गया कि इस आरक्षण का फायला सिर्फ शहरी क्षेत्र की महिलाओं को ही मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की फायदा नहीं होगा और उनकी हिस्सेदारी नहीं हो पाएगी।

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Sep 19 2023, 14:32

नई संसद के पहले भाषण में पीएम मोदी ने किया बड़ा ऐलान, महिला आरक्षण के लिए नारी शक्ति वंदन बिल पेश को सर्वसम्मति से पास करने की अपील

#pmmodionwomenreservation_bill

नई संसद में अपने पहले ही भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नए संसद भवन में पहले कानून को पेश करने का एलान किया उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए सरकार नारी शक्ति वंदन विधेयक पेश करने जा रही है। पीएम मोदी ने इसके लिए विपक्षी दलों से सहयोग मांगा और कहा कि 19 सितंबर का ये दिन इतिहास में अमर होने वाला दिन है।

शायद ईश्वर ने ऐसे कई पवित्र काम के लिए मुझे चुना-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा नए सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में मैं बड़े विश्वास और गर्व से कह रहा हूं कि आज का यह दिवस इतिहास में नाम दर्ज करने वाला है। हम सबके लिए यह पल गर्व का पल है। अनेक वर्षों से महिला आरक्षण के संबंध में बहुत चर्चाएं हुई हैं। बहुत वाद-विवाद हुए हैं। महिला आरक्षण को लेकर संसद में पहले भी प्रयास हुए हैं। 1996 में पहली बार बिल पेश हुआ था। अटल जी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया लेकिन उसे पास कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए, इस कारण वो सपना अधूरा रह गया। पीएम ने आगे कहा, 'वो काम... शायद ईश्वर ने ऐसे कई पवित्र काम के लिए मुझे चुना है। एक बार फिर हमारी सरकार ने कदम बढ़ाया है। कल ही कैबिनेट में महिला आरक्षण वाले बिल को मंजूरी दी गई है।

आज की तारीख ऐतिहासिक होने जा रही

पीएम ने कहा कि 19 सितंबर की ये तारीख इसीलिए इतिहास में अमरत्व को प्राप्त करने जा रही है। आज जब महिलाएं हर सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। नेतृत्व कर रही हैं तो बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण में हमारी माताएं-बहनें, हमारी नारी शक्ति अधिकतम योगदान दें। योगदान ही नहीं, वे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। आज इस ऐतिहासिक मौके पर नए संसद भवन में सदन की पहली कार्यवाही के अवसर देश के इस नए बदलाव का आह्वान किया है और देश की नारी शक्ति के लिए सभी सांसद मिलकरके नए प्रवेश द्वार खोल दें, इसका आरंभ हम इस महत्वपूर्ण निर्णय से करने जा रहे हैं।

दोनों सदन से बिल को सर्वसम्मति से पारित करने की प्रार्थना-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि आंकड़े न हो पाने के चलते महिला आरक्षण बिल का सपना अधूरा रह गया था। इसके लिए पहले भी प्रयास हुए। आज की तारीख इतिहास में अमर हो जाएगी। सभी सदस्यों से आग्रह करता हूं कि पावन शुरुआत हो रही है। सर्वसम्मति से जब ये बिल कानून बनेगा तो उसकी ताकत अनेक गुणा बढ़ जाएगी। दोनों सदन के सदस्यों से सर्वसम्मति से पारित करने की प्रार्थना करता हूं।

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Sep 19 2023, 13:35

*पुरानी संसद को मिला नया नाम, पीएम मोदी ने कहा “संविधान सदन” के रूप में जाना जाए*

#old_parliament_building_to_be_known_as_samvidhan_sadan

आज देश को संसद की नई इमारत मिल गई।अब से नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चलेगी।पुराने संसद भवन में कल सोमवार को अंतिम कार्यवाही हो चुकी है। आज विधिवत तौर पर नई संसद में प्रवेश हुआ। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हम नई संसद में जा रहे हैं, पुरानी बिल्डिंग को ‘संविधान सदन’ के रूप में जाना जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई संसद जाने से पहले पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में अपना आखिरी भाषण दिया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पुरानी संसद का नाम बदलने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि मेरी प्रार्थना है और मेरा सुझाव है कि अब हम जब नए सदन में जा रहे हैं तो पुरानी संसद की गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ पुरानी संसद कहें, ऐसा नहीं करना चाहिए। इसलिए मेरी प्रार्थना है कि भविष्य में अगर आप सहमति दे दें तो इसको ‘संविधान सदन’ के रूप में जाना जाए,ताकि ये हमेशा-हमेशा के लिए हमारी जीवंत प्रेरणा बनी रहे।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जब हम इसे संविधान सदन पुकारेंगे तो यह उन महापुरुषों की भी याद दिलाएगी, जो कभी संविधान सभा में बैठा करते थे।भावी पीढ़ी को यह तौहफा देने का अवसर जाने नहीं देना चाहिए।

सेंट्रल हॉल में सभी सांसदों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराने, फिर से संकल्पबद्ध होने और उसको परिपूर्ण करने के लिए जी-जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।

संसद के विशेष सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हमारे विश्वविद्यालय दुनिया के अंदर टॉप रैंकिंग में आए, अब हमें इसमें पीछे नहीं रहना है। अभी जब G 20 में विश्व के मेहमान आए मैंने वहां नालंदा की तस्वीर रखी थी, जब मैं दुनिया के नेताओं को कहता था कि 1500 साल पहले मेरे देश में उत्तम से उत्तम विश्वविद्यालय हुआ करती थी तो वे सुनते ही रह जाते थे।

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Sep 19 2023, 13:09

एसएस राजामौली ने ‘बाहुबली’ और ‘आरआरआर’ की सफलता के बाद नई फिल्म ‘मेड इन इंडिया’ का किया एलान, दिखाई झलक

दिग्गज डायरेक्टर एसएस राजामौली ने अगली फिल्म का एलान कर दिया। बाहुबली और आरआरआर की जबरदस्त सफलता के बाद डायरेक्टर ने नए प्रोजेक्ट की डिटेल्स शेयर की है। फिल्म के टाइटल के साथ उन्होंने कहानी से भी पर्दा उठा दिया है।

एसएस राजामौली इस बार एक ऐसी कहानी पर काम कर रहे हैं, जो भारतीय सिनेमा की कहानी बया करती है। फिल्म का टाइटल ‘मेड इन इंडिया’ है, जो एक बायोपिक है। फिल्म का प्रोडक्शन राजामौली के बेटे एसएस कार्तिकेय और वरुण गुप्ता कर रहे हैं। वहीं, ‘मेड इन इंडिया’ का डायरेक्शन नितिन कक्कड़ करेंगे।

कहानी को लेकर राजामौली ने कही ये बात

एसएस राजामौली ने 19 सितंबर को ‘मेड इन इंडिया’ का एक वीडियो अपने ऑफिशियल ट्विटर (X) हैंडल पर शेयर किया। उन्होंने कैप्शन में बताया कि जब पहली बार उन्होंने फिल्म का नैरेशन सुना था, तो इससे इमोशनली कनेक्ट कर गए।

एसएस राजामौली ने कहा, “जब मैंने पहली बार कहानी सुनी, तो इसने मुझे इमोशनली प्रभावित कर दिया, जितना किसी और चीज ने नहीं किया। एक बायोपिक बनाना अपने आप में मुश्किल काम है, लेकिन भारतीय सिनेमा के पिता के बारे में कल्पना करना और भी ज्यादा चैलेंजिंग है। मेरी टीम इसके लिए तैयार है और कमर कस चुकी है। बेहद गर्व के साथ ‘मेड इन इंडिया’ प्रेजेंट कर रहा हूं।”

आरआरआर ने जीता ऑस्कर अवॉर्ड

बता दें कि एसएस राजामौली साल 2023 की शुरुआत से चर्चा में बने हुए हैं। उनकी फिल्म आरआरआर ने दुनियाभर में नाम कमाया। यहां तक कि फिल्म ने ऑस्कर अवॉर्ड में एक टाइटल अपने नाम किया। एकेडमी अवॉर्ड्स 2023 में आरआरआर के फुट टैपिंग सॉन्ग नाटू-नाटू ने बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग की कैटेगरी में अवॉर्ड अपने नाम किया।

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Sep 19 2023, 12:35

पुरानी संसद में खिंची गई आखिरी फोटे, राहुल गांधी सबसे पीछे खड़ दिखे

# photo_session_of_mp_in_old_parliament

संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। पुराने संसद भवन के दरवाजे आखिरी बार संसदीय कार्रवाई के लिए कल खुले थे। आज के बाद देश का पुराना संसद भवन इतिहाक हो जाएगा। आज पुराने भवन में सभी सांसद आखिरी बार एक साथ जमा हुए और सामूहिक फोटो लिया गया। जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों का एक ग्रुप फोटो लिया गया।

फोटो सेशन के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, सदन में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सबसे आगे की लाइन में बैठे दिखे। पीएम नरेंद्र मोदी के बायीं तरफ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी बैठे थे। पीएम के दायीं तरफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बैठे थे।

वहीं, फोटो सेशन के दौरान अगर किसी बात को लेकर चर्चा हो रही है, तो वो है राहुल गांधी की। दरअसल, राहुल गांधी सबसे पीछे की लाइन में खड़े दिखे। 

पीएम मोदी ने इस साल मई में इस नए संसद भवन का उद्घाटन किया था। इस नई इमारत के बनने में करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस नए भवन में 1280 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है।

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Sep 19 2023, 12:10

सूर्य की और आदित्य एल1 की एक और छलांग, पांचवीं और आखिरी बार बदली गई कक्षा

#aditya_l1_successfully_changed_orbit_for_the_fifth_time

भारत का पहला सौर मिशन एक के बाद एक लगातार सफलता पा रहा है। मंगलवार को इसने सूर्य की ओर एक और छलांग लगा दी। दरअसल, इसरो के सौर मिशन आदित्य-एल1 ने कक्षा बदलने की पांचवीं और आखिरी प्रक्रिया को पूरा कर लिया और ये एल1 प्वाइंट की ओर आगे बढ़ गया।इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि रात 2:00 बजे ऑर्बिट बदलने की प्रक्रिया पूरी हुई है।

सूर्ययान ने पांचवीं बार बदली कक्षा

इसरो ने ट्वीट करके कहा- 'अब सूर्ययान पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित एल1 पॉइंट तक पहुंचने के लिए निकल चुका है। आदित्य एल1 के ट्रांस-लैग्रेन्जियन प्वाइंट 1 इन्सर्शन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। अब ये यान उस ट्राजेक्टरी पर पहुंच गया है, जहां से उसे सूर्य के एल1 पॉइंट तक ले जाया जाएगा। करीब 110 दिन में सूर्ययान उस पॉइंट पर पहुंचेगा, जहां से उसे एल1 वाले ऑर्बिट में इन्जेक्ट किया जाएगा।'इसरो ने आगे लिखा कि यह पांचवीं बार है जब इसरो ने अंतरिक्ष में किसी अन्य खगोलीय पिंड या स्थान की ओर एक वस्तु को सफलतापूर्वक ट्रांसफर कर दिया है।

कुल पांच बार की गई अर्थ-बाउंट फायरिंग

बता दें कि आदित्य-एल1 को अपने निर्धारित स्थान एल1 प्वाइंट तक पहुंचाने के लिए इसरो ने कुल पांच बार अर्थ-बाउंड फायरिंग की। ये ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें कोई उपग्रह अगली कक्षा में प्रवेश करता है। इसे पहले चौथी बार आदित्य-एल1 ने 15 सितंबर को सफलतापूर्वक कक्षा बदली थी। थ्रस्टर फायर के कुछ देर बाद ही इसरो ने ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दी थी। वहीं कक्षा बदलने की तीसरी प्रक्रिया 10 सितंबर की रात करीब 2.30 बजे पूरी की गई। तब इसे पृथ्वी से 296 किमी x 71,767 किमी की कक्षा में भेजा गया था।वहीं आदित्य-एल1 ने तीन सितंबर को पहली बार सफलतापूर्वक कक्षा बदलने की प्रक्रिया को पूरा किया था।

15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा आदित्य-एल1

बता दें कि आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान को सौर कोरोना (सूर्य की सबसे बाहरी परतों) के दूरस्थ अवलोकन और एल-1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा के यथास्थिति अवलोकन के लिए बनाया गया है। एल-1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर है।

क्या होता है L1 प्वाइंट

दरअसल L-1 प्वाइंट पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में स्थित है, जहां सूरज और पृथ्वी की ग्रेविटी एक दूसरे के समान होती है। इसीलिए यहां मौजूद कोई भी चीज बिना ईंधन खर्च किए अपनी जगह पर लंबे समय तक बनी रह सकती है। यहां से किसी भी वस्तु के अंतरिक्ष के अनंत सफर पर भटकने का खतरा नहीं रहता। अगर यहां मौजूद किसी वस्तु को कोई धक्का भी दे दे तो वापस अपनी जगह पर आ जाएगी। यह ऐसा बिंदु है जहां किसी भी खगोलीय पिंड की छाया नहीं पड़ती, जिसकी वजह से 24 घंटे सूर्य की रोशनी पड़ती है। इसलिए आदित्य L1 को यहां स्थापित करके सौर अध्ययन किया जाएगा।

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Sep 19 2023, 11:53

' पांच दिन में भारत छोड़ो..', कनाडा के राजदूत को मोदी सरकार का आदेश, आतंकी हरदीप निज्जर की वकालत कर रहे थे कनाडाई पीएम ट्रुडो

 खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथित संलिप्तता के आरोप में कनाडा ने सोमवार को एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया, जिससे दोनों देशों के बीच पहले से ही खराब चल रहे रिश्ते और तनावपूर्ण हो गए। कैंडियन विदेश मंत्री मेलानी जोली ने आरोप लगाया था कि शीर्ष राजनयिक का प्रमुख सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में विश्वसनीय संबंध था।

इससे पहले, कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने विधायिका में बोलते हुए इस मामले पर अपनी 'गहरी चिंता' जताई थी। यह दावा करते हुए कि उन्होंने उन चिंताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने 'व्यक्तिगत और सीधे' उठाया, ट्रूडो ने कहा कि देश की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या 'हमारी संप्रभुता का अस्वीकार्य उल्लंघन' है। भारत सरकार ने इसके जवाब में कनाडाई पीएम के दावों को 'बेतुका और प्रेरित' बताते हुए खारिज कर दिया है। साथ ही नई दिल्ली ने कनाडा से अपनी धरती से संचालित होने वाले सभी भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ प्रभावी और त्वरित कानूनी कार्रवाई करने का भी आग्रह किया है।

वहीं, कनाडा में भारतीय राजनयिक को निष्काषित किए जाने के जवाब में भारत ने अपने कनाडा के उच्चायुक्त को आज मंगलवार को तलब किया और उन्हें भारत स्थित एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के भारत सरकार के फैसले के बारे में सूचित किया। संबंधित राजनयिक को अगले पांच दिनों के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है। यह निर्णय हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।

इस मामले से परिचित लोगों ने मंगलवार को कहा कि ओटावा से एक भारतीय ऑपरेटिव को बाहर निकालने के जस्टिन ट्रूडो सरकार के फैसले के जवाब में भारत सरकार एक कनाडाई अधिकारी को निष्कासित कर दिया है और 5 दिनों में देश छोड़ने को कहा है। भारत ने पहले ही कनाडाई प्रधान मंत्री ट्रूडो के इस तर्क को खारिज कर दिया है कि भारत सरकार के एजेंटों और जून में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच "संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोप" हैं, और इस दावे को "बेतुका और प्रेरित" बताया है।

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Sep 19 2023, 11:52

10 फीट से अधिक ऊंची मूर्ति नहीं, पटाखों पर प्रतिबंध..! गणेश चतुर्थी पर चेन्नई पुलिस के 11 फरमान, सनातन पर विवाद थम नहीं रहा, पढ़िए, खबर

 तमिलनाडु में शुरू हुई सनातन धर्म को लेकर विवादित बयानबाज़ी ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। राज्य की सत्ताधारी DMK के नेता और सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया बताए जाने और उसे पूरी तरह ख़त्म करने की बात कहने के बाद विपक्षी दलों का गठबंधन I.N.D.I.A. बैकफुट पर है और उस पर हिन्दुओं की आस्था का अपमान करने के आरोप लग रहे हैं। चूँकि, कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी उदयनिधि के बयान का समर्थन किया है, इसलिए देश की सबसे पुरानी पार्टी पर भी उंगलियां उठ रहीं हैं। 

इसी बीच ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने वार्षिक विनयगर (भगवान गणेश) चतुर्थी उत्सव की पूर्व संध्या पर श्रद्धालुओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। जिसको लेकर एक और विवाद शुरू हो गया है। कई लोगों ने विनयगर चतुर्थी उत्सव के लिए पुलिस द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों के 11 सेटों को बेहद कठोर माना है। उनका तर्क है कि, इन बंदिशों के चलते हिंदुओं के लिए त्योहार में भाग लेना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। कुछ आयोजकों का कहना है कि विनयगर पंडालों की स्थापना प्रक्रिया अत्यधिक नौकरशाही, बोझिल और टैक्स लगाने वाली हो गई है। जिससे संभावित रूप से उनके निर्माण में देरी या बाधाएं आ सकती हैं।

मूर्तियों की स्थापना के संबंध में पुलिस द्वारा जारी किए गए कुछ निर्देश नीचे दिए गए हैं:-

1. जहां विनयगर की प्रतिमाएं स्थापित की जा रही हैं, वहां के भूमि मालिकों को संबंधित स्थानीय निकायों, राजमार्ग विभाग या सरकारी विभाग से अनुमति लेनी होगी।

2. अग्निशमन विभाग, बिजली बोर्ड आदि से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त होना चाहिए।

3. विनयगर मूर्तियों की स्थापना के लिए फॉर्म भरकर, उसमें उल्लिखित प्रतिबंधों और शर्तों का पालन करने का वचन देकर संबंधित पुलिस स्टेशन अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी।

4. स्थापित की जाने वाली प्रतिमा की ऊंचाई चबूतरे के आधार से 10 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। 

5. पूजा स्थलों, अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के पास प्रतिमाओं की स्थापना से बचना चाहिए।

6. मूर्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे के रोटेशन पर दो स्वयंसेवकों को तैनात किया जाना चाहिए।

7. पूजा स्थल पर किसी भी राजनीतिक दल या धार्मिक नेताओं के समर्थन में बैनर/होर्डिंग नहीं होने चाहिए।

8. अग्नि सुरक्षा नियमों और विनियमों का पालन किया जाना चाहिए, और दुर्घटनाओं और हादसों से बचने के लिए बिजली के तार कनेक्शन और पंडालों की समय-समय पर निगरानी की जानी चाहिए।

9. अग्नि सुरक्षा नियमों और विनियमों का पालन किया जाना चाहिए, विद्युत तार कनेक्शन; दुर्घटनाओं और हादसों से बचने के लिए पंडालों की समय-समय पर निगरानी की जानी चाहिए।

10. विनयगर मूर्तियों के विसर्जन के लिए पुलिस द्वारा अनुमति दिए गए दिनों में, मूर्तियों को अनुमति प्राप्त चार पहिया वाहनों में केवल अनुमत मार्गों पर ले जाया जाना चाहिए और शांतिपूर्वक विसर्जित किया जाना चाहिए।

11. विनयगर की मूर्तियां स्थापित होने वाले स्थानों, जुलूस मार्गों और विसर्जन बिंदुओं पर पटाखे फोड़ने की अनुमति नहीं है।

इसके साथ ही, ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने कहा है कि "धार्मिक घृणा" भड़काने वाले या "अन्य धर्मों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले" नारे लगाना प्रतिबंधित है। यह नियम थोड़ा अस्पष्ट लगता है, और कुछ श्रद्धालु सोचते हैं कि यह उन लोगों पर नकेल कसने का एक तरीका हो सकता है, जो किसी विशिष्ट आस्था में विश्वास करते हैं। हालांकि, यह सच भी है क्योंकि आजकल, राजनीतिक माहौल तीव्र भावनाओं से भरा हुआ है, और यहां तक कि "जय श्री राम" कहने से भी विभिन्न धर्मों के कुछ लोग परेशान हो सकते हैं। तो इसका क्या ही किया जाए, मौन रहकर त्यौहार मनाया जाए ?  

इसके अलावा, जुलूस के दौरान जब वे विनयगर की मूर्तियों को पानी में विसर्जित करते हैं, तो पटाखों के उपयोग करने के खिलाफ भी एक नियम है। यह अच्छी बात है कि ग्रेटर चेन्नई पुलिस त्योहारों के दौरान चीजों को सुरक्षित रखना चाहती है, लेकिन इस नियम ने कुछ लोगों को हैरान भी कर दिया है, उनका सवाल है कि, पुलिस ने चेन्नई में हाल ही में हुए एआर रहमान के संगीत कार्यक्रम के लिए ऐसा क्यों नहीं किया ? जहाँ जमकर फटाके फूटे थे। बता दें कि, वह कॉन्सर्ट एक बड़ी गड़बड़ी बन गया था, जिसमें बहुत सारे लोग थे, अराजकता थी, और यहां तक कि कुछ बुरी चीजें भी हुईं, जैसे लोगों को चोट लगना और ट्रैफिक जाम होना। कई लोगों का कहना था कि, यह कॉन्सर्ट यह सचमुच एक बुरे सपने जैसा था।

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Sep 19 2023, 11:51

मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की ओर दिए समन के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट गए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को झटका, शीर्ष अदालत ने कहा, यहां क्यों आए हैं,

मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर दिए गए समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को निराशा हाथ लगी है। सर्वोच्च अदालत ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और उन्हें हाई कोर्ट जाने की सलाह दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस रुख के बाद सोरेन ने अपनी याचिका वापस ले ली। सोरेन अब ईडी के समन को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी ने कहा, 'ऐसे केस हाई कोर्ट से आने चाहिए, सीधे नहीं है। आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए।?' सोरेन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, 'मैं हाई कोर्ट जाना चाहता हूं लेकिन कानून के कुछ ऐसे ही सवाल इस कोर्ट में भी हैं।' ईडी के समन पर रोक की मांग के अलावा सोरेन ने पीएमएलए ऐक्ट की धारा 50 और 63 की संवैधानिक वैधानिकता को चुनौती दी है।

सोरेन की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने शीर्ष अदालत में दावा किया कि यह पूरी तरह से पीछे पड़ जाने का मामला है। इस पर पीठ ने कहा, 'रोहतगी जी, आप उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते? नहीं नहीं, आप उच्च न्यायालय जाइए। हम आपको याचिका वापस लेने की अनुमति देंगे।' याचिका को वापस लिया मानकर खारिज कर दिया गया। ईडी की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलील दी कि यह मामला बड़ी संख्या में दिए गए निर्णयों के अंतर्गत आता है। 

सोरेन को चौथी बार मिला समन

इस बीच ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फिर से समन भेजकर 23 सितंबर को उपस्थित होने को कहा है। इससे पहले ईडी ने जमीन खरीद-बिक्री मामले में मुख्यमंत्री को तीसरा समन भेज कर पूछताछ के लिए 9 सितंबर को हाजिर होने को कहा था। हालांकि मुख्यमंत्री सोरेन पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर नहीं गए और वह जी-20 समिट के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो गए थे।

9 घंटे तक हो चुकी है पूछताछ

ईडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता सोरेन (48) से राज्य में कथित अवैध खनन से जुड़े धन शोधन मामले में पिछले साल 17 नवंबर को 9 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। केंद्रीय एजेंसी एक दर्जन से अधिक भूमि सौदों की जांच कर रही है, जिसमें रक्षा भूमि से संबंधित एक सौदा भी शामिल है, जिसमें माफिया, बिचौलियों और नौकरशाहों के एक समूह ने 1932 की तिथि तक के फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए कथित तौर पर मिलीभगत की थी। ईडी ने झारखंड में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा भी शामिल हैं।

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Sep 19 2023, 11:34

अमेरिका का घातक फाइटर जेट F-35 गायब, 80 मिलियन डॉलर वाले विमान को ढूढ़ने के लिए मांगी लोगों की मदद, पायलट सुरक्षित

 अमेरिका का सबसे एडवांस्‍ड फाइटर जेट एफ-35 गायब हो गया है। यह जेट कहां है इसकी कोई जानकारी नहीं है। जेट का पता लगाने के लिए अमेरिका ने अब स्‍थानीय लोगों की मदद मांगी है। इस हादसे में पायलट सुरक्षित बच गया है। इस जेट को लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है।

एफ-35 फाइटर जेट, अमेरिका की मरीन कोर का वह लड़ाकू विमान है जो छिपकर मिशन को पूरा करने में सक्षम है। यह विमान उड़ान के दौरान गायब हो गया है। दक्षिण कैरोलिना के नॉर्थ चार्ल्‍सटन एयरबेस से टेकऑफ करने के बाद से ही इसका कुछ पता नहीं लग रहा है। मरीन कोर ने अब विमान का पता लगाने के लिए स्‍थानीय जनता से मदद मांगी है। हादसे के दरम्यान पायलट विमान से सुरक्षित बाहर आ गए थे। मरीन कोर ने इसकी जांच शुरू कर दी है और इसे एक घटना माना जा रहा है। पायलट की हालत स्थिर है और फिलहाल अस्‍पताल में उनका इलाज जारी है।

 एक एफ-35 की कीमत 80 मिलियन डॉलर है। एयरबेस की तरफ से ट्विटर पर स्‍थानीय नागरिकों से अपील की गई है , जिसमें लिखा है "अगर आपके पास कोई जानकारी है जो हमारी टीमों को एफ-35 का पता लगाने में मदद कर सकती है तो प्‍लीज बेस डिफेंस ऑपरेशंस सेंटर को कॉल करें। " बेस अधिकारियों की मानें तो वह चार्ल्सटन शहर के उत्तर में दो झीलों के आसपास इसकी तलाश कर रहे हैं। मौसम ठीक होने के बाद दक्षिण कैरोलिना के न्‍याय विभाग का एक हेलीकॉप्टर भी तलाश में जुट गया है। F-35 का पायलट चार्ल्सटन बेस पर सुरक्षित लौट आया। फाइटर जेट और पायलट ब्यूफोर्ट में अमेरिका की मरीन फाइटर अटैक ट्रेनिंग स्क्वाड्रन 501 के साथ थे। इस स्‍क्‍वाड्रन पर समु्द्रों में होने वाले युद्धों के लिए सैनिकों को ट्रेनिंग देती है। यह बेस दक्षिण कैरोलिना के अटलांटिक तट से ज्यादा दूर नहीं है। एफ-35 को लॉकहीड मार्टिन बनाती है। पायलट का नाम फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है। यही अटैक स्‍क्‍वाड्रन F-35B लाइटनिंग II जेट भी ऑपरेट करती है।

ब्यूफोर्ट में मरीन कोर एयर स्टेशन 6900 एकड़ में फैला है। इस मिलिट्री बेस पर करीब 4700 सैनिक तैनात हैं। यह दक्षिण कैरोलिना और जॉर्जिया के तट पर हवा से हवा में युद्ध की ट्रेनिंग के साथ - साथ मैकिन्टोश काउंटी , जॉर्जिया में एक हवा से जमीन पर युद्ध को अंजाम देने में सक्षम है। इसके अलावा यह दुश्‍मन के अड्डे पर बमबारी भी कर सकता है। हाल ही में अमेरिका ने दक्षिण कोरिया की सेना को 25 , एफ-35 लड़ाकू विमानों की बिक्री को मंजूरी दी है। इस डील का मकसद उत्तर कोरिया और चीन की आक्रामकता के बीच पूर्वी एशिया में अमेरिका के सहयोगियों को मजबूत करना है। यह डील पांच अरब डॉलर की बताई जा रही है।